'आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना, चाहिए मानवता सागर के समान है, यदि सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता। '
उन आँखों की दो बूंदों, से सातों सागर हारे हैं, जब मेहँदी वाले हाथों, ने मंगल-सूत्र उतारे हैं |