मानवता

मानवता

'आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना,
चाहिए मानवता सागर के समान है,
यदि सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं,
तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।
'

आँखों

आँखों

उन आँखों की दो बूंदों,
से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों,
ने मंगल-सूत्र उतारे हैं |